यूँ बेवजह बेवक़्त इस दिल को 😢,
किसी का इंतजार क्यों है ❤️⏳,
जो है ही नहीं हाथ की लकीरों में ⏳😢,
दिल को उसी से ही प्यार क्यों है! 😢⏳
यूँ बेवजह बेवक़्त इस दिल को 😢,
किसी का इंतजार क्यों है ❤️⏳,
जो है ही नहीं हाथ की लकीरों में ⏳😢,
दिल को उसी से ही प्यार क्यों है! 😢⏳